Monday, September 1, 2008

ब्रेकिंग न्यूज़, ताजा खबर... आखिर क्या है इनमें ब्रेकिंग और ताजा ?

आज की तारीख में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने अपने लिए एक अलग स्थान बना लिया है लोगों की ज़िन्दगी में। आज से कई वर्ष पहले जब टीवी न्यूज़ चैनलों की शुरुआत हुई थी, लोगों को लगा कि एक आधुनिक भारत की शुरुआत हुई है और इससे वे देश-दुनिया से जुड़े रहेंगे। तब से अब तक मीडिया ने बहुत बदलाव देखे हैं, लेकिन तब भी मीडिया का काम लोगों को जागरूक करना था और आज भी वे जागरूक ही करते हैं, लेकिन कुछ अलग अंदाज़ में।

आज की तारीख में न्यूज़ चैनलों ने ब्रेकिंग और ताजा खबरों को इस तरीके से तोड़-मरोड़कर परोसना शुरू कर दिया है, जिसका कोई हिसाब नहीं... मसलन, एक ताजा खबर दिखी - 2010 में धरती समाप्त हो जाएगी - क्या टीआरपी बढ़ाने के लिए लोगों को इस कदर भयभीत करना क्या उचित है... किसी न्यूज़ चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी - लादेन मारा गया - मैं चैनल बदलते-बदलते रुक गया की आखिर यह कैसे और कब हुआ... थोड़ी देर सुनने-देखने के बाद पता चला, लादेन किसी हाथी का नाम था। आखिर कब तक लोगों को बेवकूफ बनाते रहेंगे ये न्यूज़ चैनल।

कई चैनलों ने तो कॉमेडी को भी न्यूज़ का हिस्सा बना दिया है... और इतने बड़े स्तर पर कि कभी-कभी मुझे लगता है कि आने वाले वक्त में राजू श्रीवास्तव कोई नया चुटकुला बनाएगा तो वह ब्रेकिंग न्यूज़ न बन जाए इन चैनलों के लिए।

दूसरों की ज़िन्दगी में बिल्कुल घुस जाते हैं ये चैनल वाले। मेरा कहना है कि अगर कोई अभिनेता या राजनेता है, तो आपको क्या... उन्हें भी अपनी ज़िन्दगी जीने का हक है, आखिर वे भी इन्सान हैं। जब तक देश को या समाज को नुकसान नहीं पहुंचाया जा रहा हो, किसी की निजी ज़िन्दगी में नहीं झांकना चाहिए।

मुझे जो लगा, वह मैंने कह दिया। क्या आप लोगों को लगता है कि मैंने कुछ गलत कहा। मेरा किसी न्यूज़ चैनल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कोई बैर नहीं... और न ही इनके खिलाफ हूं, बस मुझे लगता है कि इन्हें ब्रेकिंग न्यूज़ या ताजा खबर परोसने का अंदाज़ मुख्तलिफ रखना चाहिए। मीडिया का काम लोगों को जागरूक करना है, उन्हें डराना नहीं... क्योंकि मीडिया जिस अंदाज़ में न्यूज़ परोसेगी, लोग उसी अंदाज़ में देखेंगे और अपनी ज़िन्दगी से जोड़ने की कोशिश करेंगे। वैसे आज भी कुछ न्यूज़ चैनल हैं, जो सचमुच लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं...